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Sad Shayari in Hindi – Part-3 (Toote Dil Ki Shayari, Broken Heart Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai) |
मुझसा कोई जहाँ में नादान भी न हो
,
,
कर के जो इश्क कहता है नुकसान भी न हो
…!!
…!!
=-=-=-=-=
मेरे ही हाथों पर
लिखी है तकदीर मेरी;
लिखी है तकदीर मेरी;
और मेरी ही तक़दीर पर मेरा बस नहीं चलता।
=-=-=-=-=
क्या खूब होता अगर यादें रेत होती…
मुठी से गिरा देते, पाँव से उड़ा देते…
=-=-=-=-=
जीने के लिए रोज़ हँस लेता हुँ,
मगर,
मगर,
रोज़ थोड़ी थोड़ी ज़िन्दगी बेच लेता हुँ…
=-=-=-=-=
आगे आती थी हाल ए दिल पे हसी
अब किसी बात पे
नहीं आती
नहीं आती
=-=-=-=-=
अब इस से ज्यादा क्या नरमी बरतू
दिल के ज़ख्मो को छुया है तेरे गालों की तरह
=-=-=-=-=
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने हैं
जाने न जाने गुल ही न जाने , बाग़ तो सारा जाने हैं
=-=-=-=-=
मेरे लफ्जों स न कर
मेरे किरदार का फैसला
मेरे किरदार का फैसला
तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढुँढते ढुँढते
=-=-=-=-=
कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी , चैन से जीने की सूरत न हुयी
जिसको चाह उसको अपना न सके
, जो मिला उस से मोहब्बत न हुयी
, जो मिला उस से मोहब्बत न हुयी
=-=-=-=-=
जिंदगी के राज़ को
रहने दो,
रहने दो,
अगर है कोई ऐतराज़ तो रहने दो,
पर जब दिल करे हमें याद करने को,
तो उसे ये मत
कहना के आज रहने दो
कहना के आज रहने दो
=-=-=-=-=
जिनके मिलते ही ज़िन्दगी में ख़ुशी मिल जाती है
वो लोग जाने क्यों ज़िन्दगी में कम मिला करते हैं।
=-=-=-=-=
ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के
चेहरे उतर जाएँगे
चेहरे उतर जाएँगे
=-=-=-=-=
जब मोहब्बत ही नहीं दरमियाँ..
वो रुठेंगे भी क्या, हम
मनाएंगे भी क्या…
मनाएंगे भी क्या…
=-=-=-=-=
आज जाकरके उसने, सच में भुलाया है मुझे…
वरना ये हिचकियाँ , पानी से तो नहीं जाती थीं…
=-=-=-=-=
तू इतना याद ना
कर मुझ को
,
कर मुझ को
,
के हिचकिया तेरे राज़ , सरे आम खोलती है
=-=-=-=-=
बेवफाई तो यहाँ सभी करते हैं…………
अरे आप तो समझदार थे कुछ तो नया करते..
=-=-=-=-=
ऐसी बेरुखी भी देखी है हम ने…..
के लोग,आप
से तुम तक……
के लोग,आप
से तुम तक……
तुम से
जान तक,
फिर ‘जान’ से….. ‘अनजान’ तक
हो जाते है.
जान तक,
फिर ‘जान’ से….. ‘अनजान’ तक
हो जाते है.
=-=-=-=-=
अजीब फितरत है उस
समंदर की…………………..
समंदर की…………………..
जो टकराने के लिए पत्थर ढुंढता है…..
=-=-=-=-=
वो मेरी किस्मत मैं नहीं,
ये सुना है लोगों से,
ये सुना है लोगों से,
फिर सोचता हूँ, किस्मत खुदा लिखता है,
लोग नहीं….
लोग नहीं….
=-=-=-=-=
जिन्दगी ने आज फिर हमारी अजमाइश की है
l
l
भूले हुए लोगो से
फिर मिलने की फरमाइश की है
फिर मिलने की फरमाइश की है
=-=-=-=-=
इक-इक पत्थर जोड़ के मैंने जो दीवार बनाई है
झाँकूँ उसके पीछे तो
रुस्वाई ही रुस्वाई है
रुस्वाई ही रुस्वाई है
=-=-=-=-=
हम बने ही थे
तबाह होने के लिए…
तबाह होने के लिए…
तेरा मिलना तो बस
एक बहाना था..
एक बहाना था..
=-=-=-=-=
आराम से कट रही थी तो अच्छी थी….
जिंदगी तू कहाँ इन
आँखों की बातों में आ गयी….
आँखों की बातों में आ गयी….
=-=-=-=-=
तुमसे मुमकिन हो तो
रोक दो सासें मेरी…
रोक दो सासें मेरी…
दिल जो थङकेगा तो
याद तुम ही आओगे…!!
याद तुम ही आओगे…!!
=-=-=-=-=
Hai Chand Ka Muhn Bhi Utra Utra
Taro Ne Chamkna Chod Diya
Jis Din Se Juda Wo Humse Huye
Is Dil Ne Dhadkna Chhod Diya
=-=-=-=-=
Chale jaana chaahta hu tujhe tere haal par chhod kar,
Qaddar kyaa hoti hai pyaar ki tujhe waqt hi sikha dega..
=-=-=-=-=
Meri tadap toh kuch bhi nahi hai…
Suna hai uss ke deedar ko toh aainay bhi taraste hain..
=-=-=-=-=
Jaruri nahi ki kaam se hi insan thak jaye ,
Khayalo ka boj bhi insan ko thaka deta hai…
=-=-=-=-=
Muje Nahi Pata..,Ye Sudhar Gaya Ya Bigad gaya…
Bassss Ab Ye Dil kisi Se Muhaabat Nahi Karta. . .
=-=-=-=-=
Main kaun hoon yeh pata chal jaaye toh mujhe bhi bata dena.
Kaafi dinon se talash hai mujhe meri.
=-=-=-=-=
Meri likhi baat ko har koi samaj nahi paata..,
kyonki mein ehsaas likhta hoon aur log alfaz padhte hain…
=-=-=-=-=
Chalo So Jate Hain ab Phir Kisi Such ki Talash Me ,,
K Subha Phir is Jhooti Dunya Ka Deedar Karna Hai …!!
=-=-=-=-=
Aap To Chand Ho Jise Sab Yaad Karte Hain,
Hamari Kismat To Sitaro Jaisi Hai, Yaad Karna To Door…
=-=-=-=-=
Log Apani Khwahish Ke Liye Bhi
Hamare Tootne Ka Intezar Karte Hain.
=-=-=-=-=
Kuch is liye raato ko sona chod diya hum ne……
Agar wo khwab me bhi bichad gaye to mar jayenge hum……
=-=-=-=-=
Tum, Tum aur sirf Tum,
Lo khatam hui yeh dastan dil ki..
=-=-=-=-=
Khuda Na Kary _____ .
Tuje Tuj Sa Miley Koi . !!
=-=-=-=-=
Teri yaad se to acchhi meri sharaab hai zaalim. …
Kambakht rulaane Ke bad sula to deti hai mujko. …
=-=-=-=-=
Suno !
Ye jo ishq ha na…,,
Jaan le leta ha,, Magar phir bhi maut nahi ati…!!
=-=-=-=-=
Jate Hue Us Shakhs Ne Ek Ajab Bad’dua Si Di..!
Tujhe MiLein do Jahan Ki Khushiyan Par Koi Mujh Sa Na
Mile..!
Mile..!
=-=-=-=-=
Wo Log Q miLte hi Utar jate hain diL main
Jin Logon se Qismat k Sitare nhi miLte…
=-=-=-=-=
Tera Bhi Hota Agar DiL, Ae IshQ
Din Main Taare Tujhe Bhi Dikha Daiti…
=-=-=-=-=
Mere Sajdon Mein Kami To Na Thi Aye KHUDAa
Kya Mujh Se Bhi Barh K Kisi Ne MaanGa Tha Usey…
=-=-=-=-=
Bhooool Jaaata Hooon Saaari Duniyaaa ………!
Mujhy Tum Itna Yaaaad Aaaty Ho…
=-=-=-=-=
Gilaa Banta Hi Nahi Be’Rukhi Ka…!!
DiL Hi To Tha____ Bhar Gaya HoGa…!!
=-=-=-=-=
Kabhi PathaR ki Thokar se Bhi NhiN ati KharaaSh,,,,
Kabhi Ek zra si Baat se InsaaN bikher Jata he……!!!!!
=-=-=-=-=
Halaat kuch iss tarah badlay uss k or meray dermiyan.
Na usay meri zarurat rehi na mujhay uss ki tamana…
=-=-=-=-=
Ay Tabib ! Ek Bar Tou Kr dy Dawa-e-Dard-e-Dil,
Agli Bar Toba, So Baar Toba, Hum Muhabbat Na kary Gy………………
=-=-=-=-=
Tery Grajney Se bohot khOff Aata hai ..
Ay Badal ..
Tu Be-Awaaz hi BaraS liya kar mere AnSuon ki tarah…..
=-=-=-=-=
Abb koiiii aarzo nhiii baki..
justaju meriii akhriiii tum thy….!
=-=-=-=-=
Jab Jaan Pyari Thi Toh Dushman Hazaron The…
Ab Marne Ka Shauk Hua To Qatil Nahi Milte….
=-=-=-=-=
Khafa nahi hu tujse ae zindagi
aadat si pad gai hei ruthne ki..
=-=-=-=-=
Mat Chaho Kisi Ko Itna Toot Kar Zindagi Me
Bichard Gaye Toh Har Ek Ada Tang Karegi..!!
=-=-=-=-=
Bus ik khayal sy anso chupa lye hum ne
udas rah kar ksi ko udas kya karna!!!?
=-=-=-=-=
Ansu0n ko khabar kaise hui teri judai ki..
Shayad ye khud hi nikal aye hain teri talash me…
=-=-=-=-=
Mujhe Na Dhoond Zameen-o-Asman ki Gardishon mein,,,,,
Mein Agar tere dil Mein Nahin to kaheen bhi nahi…
=-=-=-=-=
Umeed -e- wafa na rakhna un logon se dosto .
Jo milte h kisi aur se aur hote h kisi or ke…
=-=-=-=-=
Dil Ki Duniya Kuch Iss Tarah Se Ujdi,
Usne Dard Ka Aadi Banna Ke Dard Dena Chodd Diya!
=-=-=-=-=
Muqaddar Mein Raat Ki Neend Nahi Toh Kya Huva,
Jab Mout Aayegi Toh Jee Bhar Ke Soa Lain Ge.
=-=-=-=-=
KHayal_e_Yarr mein neend ka tassawur kaisa?????
Ankh lagti he nai hai Ankh lagi hai jub se..
=-=-=-=-=
Nahi Rahi Woh Muhabbat Ki Haqiqat Aaj K Daur Main,,,
Nafz Ki Pyaas Bujhane Ko Log Ishq Ka Naam Dete Hain…
=-=-=-=-=
Khud Se Hi Fursat Na Mili Kabhi Warna
Hum Agar Kisi K Hotay Sirf Tumhare Hotay…
=-=-=-=-=
Shikway, To Youn Karte Ho Mujh Se
Jese Sirf, Mere Hee Ho Tum…
=-=-=-=-=
Ye tera khel na ban jaye haqiqat ek din…
Ret pe likh k mera naam mitaya na karo…
=-=-=-=-=
Aksar Log Hame Bhul Jate Hai,
Aur Hum Bewkuf
Unki Yaando Me,
Apna “AASHIYANA” Bana Lete Hai.!!
=-=-=-=-=
कौन कहता है कि
दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..
दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..
तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं
… !!
… !!
=-=-=-=-=
चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है
मुमकिन है चाँद से
हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है
हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है
=-=-=-=-=
मुहब्बत तो दिल देकर, की
जाती है मेरे दोस्त।
जाती है मेरे दोस्त।
चेहरा देखकर तो लोग,सिर्फ सौदा करते हैँ।..
=-=-=-=-=
जनाजा इसीलिए भी भारी हे मेरा..
कि सारे अरमान साथ लिये जा रहा हूँ ।
=-=-=-=-=
यूँ ना बर्बाद कर
मुझे,
अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से ।
मुझे,
अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से ।
मै तो सिर्फ इन्सान हूँ,
पत्थर भी टूट जाता है,
इतना आजमाने से ।
पत्थर भी टूट जाता है,
इतना आजमाने से ।
=-=-=-=-=
वफादार और तुम…??
ख्याल अच्छा है,
ख्याल अच्छा है,
बेवफा और हम…??
इल्जाम भी अच्छा है…
इल्जाम भी अच्छा है…
=-=-=-=-=
सामने मंजिल थी और, पीछे उसका वज़ूद…क्या करते,
हम भी यारों.
हम भी यारों.
रूकते तो सफर रह
जाता…
चलते तो हमसफर रह जाता…”
जाता…
चलते तो हमसफर रह जाता…”
=-=-=-=-=
हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं,
तब जाकर एक महल बनता है.
आशिको के मरने पर
कफ़न भी नहीं मिलता,
कफ़न भी नहीं मिलता,
हसीनाओं के मरने पर “”ताज महल””
बनता है.
बनता है.
=-=-=-=-=
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं
लेकिन तेरे हिस्से का
वक़्त आज भी तनहा गुजरता है…
वक़्त आज भी तनहा गुजरता है…
=-=-=-=-=
मुझे मालूम है कि
ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं…
ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं…
मगर जिंदा रहने के
लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं…!!
लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं…!!
=-=-=-=-=
हम बने थे तबाह होने के लिए……
तेरा छोड़ जाना तो
महज़ इक बहाना था….!!
महज़ इक बहाना था….!!
=-=-=-=-=
मैं आपकी नज़रों से
नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,
नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,
देखने की हसरत है
बस देखते रहना चाहता हूँ ।
बस देखते रहना चाहता हूँ ।
=-=-=-=-=
दर्द तन्हाँ कभी नहीं रहता
ये तुझे, मुझमें तलाश लेता है
=-=-=-=-=
तुम से जिद करते तो हम मांगते क्या…!
खुद से जिद करके तो तुमको मांगा था
…
…
=-=-=-=-=
उनकी ना थी खता, हम
ही कुछ गलत समझ बैठे यारों……
ही कुछ गलत समझ बैठे यारों……
वो मुहब्बत से बात करते थे,
तो हम मुहब्बत समझ बैठे…..
!!
तो हम मुहब्बत समझ बैठे…..
!!
=-=-=-=-=
ऐ ज़िन्दगी मुझे तोड़ कर ऐसे बिखेर अब की बार…….
ना खुद को जोड़ पाऊँ मै,
ना फिर से तोड़ पाये वो…..!!
ना फिर से तोड़ पाये वो…..!!
=-=-=-=-=
गल्हतफ़हमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मुहब्बत में………
जहाँ किरदार हल्का हो
कहानी डूब जाती है…….!!
कहानी डूब जाती है…….!!
=-=-=-=-=
जिंदगी से कोई चीज़ उधार नहीं मांगी मैंने….
कफ़न भी लेने गए
तो जिंदगी अपनी देकर….!!
तो जिंदगी अपनी देकर….!!
=-=-=-=-=
कुछ ज़ख्म सदियों बाद भी ताज़ा रहते है……
वक़्त के पास भी
हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…!!
हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…!!
=-=-=-=-=
हाथ ज़ख़्मी हुए तो
कुछ अपनी ही खता थी…..
कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
=-=-=-=-=
मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको…….
हम तो वैसे भी
तुम पर मरने वाले हैं
….!!
तुम पर मरने वाले हैं
….!!
=-=-=-=-=
खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं………
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं….!!
=-=-=-=-=
सूखे होठो से ही
होती हैं प्यारी बातें
…
होती हैं प्यारी बातें
…
प्यास बुज़ जाये तो
इंसान और अल्फाज़ दोनो बदल जाते हैं
..!!
इंसान और अल्फाज़ दोनो बदल जाते हैं
..!!
=-=-=-=-=
“हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं”
=-=-=-=-=
होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं
……
……
आँखों को ये हुनर…
कभी आया ही नहीं
……
कभी आया ही नहीं
……
=-=-=-=-=
कितनी सदियों के बाद मिले हो,
वक़्त से क्यों, इतना छिले हो!!!?
=-=-=-=-=
इक ज़ख़्मी परिन्दे की
तरह जाल में हम हैं,
तरह जाल में हम हैं,
ऐ इश्क़ अभी तक
तेरे जंजाल में हम हैं।
तेरे जंजाल में हम हैं।
=-=-=-=-=
खुदा भी अब मुझसे बहुत परेशान है……
रोज़ रोज़ जब से
दुआ में तुझे मांगने लगा हूँ….!!
दुआ में तुझे मांगने लगा हूँ….!!
=-=-=-=-=
मालूम होता है भूल गए हो शायद…….
या फिर कमाल का
सब्र रखते हो…..!!
सब्र रखते हो…..!!
=-=-=-=-=
“ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को
जी चाहता है,
जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है.”
=-=-=-=-=
कुछ ना रहा पास तो रख ली संभाल कर तन्हाई
.
.
ये वो सल्तनत है
जिसके बादशाह भी हम
जिसके बादशाह भी हम
वज़ीर भी हम और
फ़क़ीर भी हम………
फ़क़ीर भी हम………
=-=-=-=-=
“इस कदर हर तरफ तन्हाई है,
उजालो मे अंधेरों की
परछाई है,
परछाई है,
क्या हुआ जो गिर गये पलकों से आँसू,
शायद याद उनकी चुपके से चली आई है
=-=-=-=-=
इतनी पीता हू….
इतनी पीता हू की
मदहोश रहता हू.
मदहोश रहता हू.
सब कुछ समझता हू
पर खामोश रहता हू
पर खामोश रहता हू
जो लोग करते ह मुझे गिराने की कोशिश
मे अक्सर उन्ही के
साथ रहता हू|.
साथ रहता हू|.
=-=-=-=-=
हकीकत में ये ख़ामोशी हमेशा चुप नहीं होती।
कभी तुम ग़ौर से
सुनना ये बोहत क़िस्से सुनाती है।
सुनना ये बोहत क़िस्से सुनाती है।
=-=-=-=-=
तेरी महफिल से उठे तो किसी को खबर तक नही थी
!
!
तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमे बदनाम कर गया
…
…
=-=-=-=-=
“जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”
=-=-=-=-=
ला तेरे पेरों पर
मरहम लगा दूं…
मरहम लगा दूं…
कुछ चोट तो तुझे भी आई होगी मेरे दिल को ठोकर मार कर…!!!
=-=-=-=-=
उनसे कहना कि किस्मत पे इतना नाज़ ना करें,
हमने बारिश में भी
जलते हुए मकान देखें हैं
जलते हुए मकान देखें हैं
=-=-=-=-=
ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
वादे नीभा-नीभा के थक
गया हूँ मैं…
गया हूँ मैं…
=-=-=-=-=
“दीदार की ‘तलब’
हो तो नज़रे जमाये रखना
‘ग़ालिब’
हो तो नज़रे जमाये रखना
‘ग़ालिब’
क्युकी, ‘नकाब’ हो या ‘नसीब’…..सरकता जरुर है.”
=-=-=-=-=
हमे पता था की
उसकी मोहब्बत में ज़हर हैं
;
उसकी मोहब्बत में ज़हर हैं
;
पर उसके पिलाने का
अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके !
अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके !
=-=-=-=-=
लोग कहते है हम
मुस्कराते बहुत है…
मुस्कराते बहुत है…
और हम थक गए
दर्द छुपाते छुपाते…
दर्द छुपाते छुपाते…
=-=-=-=-=*
गम में भी हम
इस तरह जीते हैं
इस तरह जीते हैं
जैसे शादियों में लोग शराब पीते हैं
=-=-=-=-=
बादलों से कह दो
अब इतना भी ना बरसे….
अब इतना भी ना बरसे….
अगर मुझे उनकी याद आ गई,
तो मुकाबला बराबरी का
होगा….
होगा….
=-=-=-=-=
छीन लेता है हर
चीज मुझसे
…
चीज मुझसे
…
ए खुदा…
क्या तू भी इतना गरीब है????
=-=-=-=-=
कितना अजीब हो गर
पलट जाये बाजी सारी..
पलट जाये बाजी सारी..
वो मुझे याद करे और मै मसरूफ रहू.
=-=-=-=-=
अगर है दम तो
चल डुबा दे मुजको,
चल डुबा दे मुजको,
समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी…।..
=-=-=-=-=
कुछ तुम को भी
अज़ीज है अपने सभी उसूल,
अज़ीज है अपने सभी उसूल,
कुछ हम भी इत्तेफाक से जिद्द के मरीज़ हैं ।।
=-=-=-=-=
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह
…. ..
…. ..
उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह
.
.
=-=-=-=-=
उसने पूछा …कोई आखरी ख्वाइश ?
ज़ुबान पे फिर ” तुम ” आ गया
=-=-=-=-=
सहमी-सहमी हुई रहती हैं मकाने दिल में
आरज़ूएँ भी ग़रीबों की
तरह होती हैं
..
तरह होती हैं
..
=-=-=-=-=
Iss Nazar” Se Dekha Hai Tujhe..
Jis Nazar Se Tujhe “Nazar” Na Lage !
=-=-=-=-=
अजब पहेलियां हैं हाथों की लकीरों में…
सफर ही सफर लिखा है हमसफर कोई नहीं…
=-=-=-=-=
क्या नए ज़ख्म की
यह आहट है,
यह आहट है,
आज फिर कोई मुझे ‘अपना’ कह
गया..|।।
गया..|।।
=-=-=-=-=
दिल प्यार में बेक़रार भी होता हैं दोस्ती में थोड़ा इंतज़ार भी होता हैं
होती नहीं प्यार में दोस्ती पर दोस्ती में शामिल प्यार भी होता हैं
=-=-=-=-=
वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे
!!..
!!..
और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है
!!!!…
!!!!…
=-=-=-=-=
बहुत अन्दर तक तबाही मचाता है
…
…
वो आंसू जो आँखों से
‘बह’ नहीं पाता है……..
‘बह’ नहीं पाता है……..
=-=-=-=-=
अपनों की चाहतों ने
दिया कुछ ऐसा फरेब
,
दिया कुछ ऐसा फरेब
,
कि रोते रहे लिपटकर हर एक अजनबी से हम…
=-=-=-=-=
अब हाल पर हमारे~हमको छोड़ भी दो यारों~~
लेते फिरें तुम्हारे अहसान और कितने…।।।
=-=-=-=-=
तन्हाइयों की आदत अब
हो गई हमें तुम्हारा पास आना,अब
भाता नहीं
हो गई हमें तुम्हारा पास आना,अब
भाता नहीं
यूं फैले हमारी चाहतों के फासले,
अब किसी चाहत से,कोई नाता नहीं
अब किसी चाहत से,कोई नाता नहीं
=-=-=-=-=
हक़ीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी,
फिर भी ख्वाहिश है
कि…
एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए………!
कि…
एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए………!
=-=-=-=-=
ए दिल ,चल एक सौदा करते हैं
,
,
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ
, तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे
…!!
, तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे
…!!
=-=-=-=-=
चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम
ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए..
=-=-=-=-=
गुमान न कर अपनी खुश-नसीबी का..
खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क होगा..
=-=-=-=-=
तुझे कोई और भी
चाहे,
इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है,
चाहे,
इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है,
पर फकर है मुझे इस बात पे कि,
हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है…!!!
हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है…!!!
=-=-=-=-=
वो अपने फ़ायदे की
खातिर फिर आ मिले थे हम से,
खातिर फिर आ मिले थे हम से,
हम नादान समझे के
हमारी दुआओं में असर बहुत है..
हमारी दुआओं में असर बहुत है..
=-=-=-=-=
जिसको सूरज मेरी चौखट से मिला,
वों उजाले हमे खैरात में देतें है….
!!!
!!!
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