
Varun Anand Ki Shayari Wallpaper – Best Hindi Poetry
भरोसा फिर किसी पर हो न पाया
तुम्हारा आख़िरी रिश्ता था मुझ से
बुलंदी पर पहुच कर भूल बैठा
जो अक्सर सीढियाँ लेता था मुझ से
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Varun Anand Ki Shayari Hindi Mein
हम पे एहसान हैं उदासी के
मुस्कुराएँ तो शर्म आती है
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