Most Heart Touching Romantic Sad Love Shayari in 2 Lines Wallpaper

Eik Main Hoon Kay Lehroon Ki Tarhan Chain Nahi Hai,
Aik Woh Hai K Khamosh Samandar Ki Tarhan Hai:(

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Aur Bhi Kar Deta Hai Dard Main Izafa,
Tery Hoty Huay Ghairo’N Ka Dilasa Dena .

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Tapak Partay Hain Aansoo Jab Tumhari Yaad Aati Hai,
Ye Wo Barsaat Hai Jis Ka Koi Mosam Nahi Hota

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Us Ne Mere Zhakhmo Ka U Kiya Ilaj
Marham Bhi Lagaya To Kaanto Ki Nok Se

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Jo Tum Bolo Bikhar Jayein, Jo Tum Chaho Sanwar Jayein
Magar Yoon Tootna Jurnaa Buhat Takleef Deta Hai

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Bari Tabdeeliyaan Laai Hain Apne Aap Main Likin
Tumhain Bas Yaad Krne Ki Wo Adat Ab Bhi Baqi Hai

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Uski Awaz Sun Lou’N Tu Mil Jata Hy Soko’N Dill Ko.
Dekho Tu Sahi Merey Dard Ka Elaaj Kaisa Hy.

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Ache Lage Tum So Hum Ne Bata Diya
Nuqsan Yeh Hua K Tum Maghroor Hogay.

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Wo Tha To Kahin Waqt Thehrta Hi Na Tha
Ab Waqt Guzrny Mein Bohat Waqt Lagta He

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Baithe The Apni Masti Mein, Ke Achaanak Tadap Utthe
Aa Ke Tere Khayaal Ne Accha Nahi Kiya

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(more…)

Huge Collection Of Sad Shayari - Dard Shayari, Akelapan, Mayusi, Khamoshi
Sad Shayari in Hindi – Part-5 
(Toote Dil Ki Shayari, Broken Heart Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai)
तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
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मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
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कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;
मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
उदास क्यूँ हो ?
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चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
तड़प के कहा….
.
.
नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
भी नहीं’…
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जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
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जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
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तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
थी…..
कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
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यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,
कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
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नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!
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उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
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” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
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वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!
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तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
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उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
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हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
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वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
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आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
छोड़ कर जाते हुए कह गई,
जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
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उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
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उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
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जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
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मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
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तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
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जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
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मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…
मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!
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किसी ने ग़ालिब से कहा
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
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जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
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वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
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याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना..
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!
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पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।
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“युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
लेकिन लोग…
वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”
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दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….
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जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
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जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,
कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
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रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
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ए दिल अब तो होश मैं आ…..
यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं….
और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
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किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
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तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
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मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
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दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
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चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
हम भी सितारों से क्या गिला करें,
जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!
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भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
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भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!
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गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
थी मुझको,
अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
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जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
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हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
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“ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
किसी और से प्यार है,
मेरी मौत से पूछो,
अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
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घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
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उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…!
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तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना,
कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
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दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,
ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
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दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
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वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
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“दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ
जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
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अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
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जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”
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तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
सोचो…
बताओ…
वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”
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रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
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जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
वो शख्स
नतीजे में किसी और का निकला ..
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मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
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“बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
पर तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने
का मज़ा ही कुछ अलग है………”
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नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!
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काश तुम मौत होती तो…………. ….
एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼
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बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
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तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
ए इश्क ….
तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
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ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
और मेरी जान पैदल होगी.
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 “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
नफरत है तो क्या हुआ यारो,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
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हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
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ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
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जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था –
तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
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टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
इश्क के मरीजों को आराम नहीं आता,
दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ….
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हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
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बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।
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कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
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कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।
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एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।
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अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
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सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
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तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
जिसका रास्ता बहुत खराब है…
मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
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काटो के बदले फूल क्या दोगे…
आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
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वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
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रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
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तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
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भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
=-=-=-=-=
ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
=-=-=-=-=
हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
=-=-=-=-=
काश वो नगमे सुनाए ना होते
आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
अगर इस तरह भूल जाना ही था
तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
=-=-=-=-=
ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने
धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
=-=-=-=-=
उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।
महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।
प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
=-=-=-=-=
हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
बोले
वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
=-=-=-=-=
मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
=-=-=-=-=
दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
=-=-=-=-=
 ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
=-=-=-=-=
अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
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सुलाके सबको गहरी नींद में …
फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!
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“एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
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ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
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सोचा था
घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
पर घर
की ज़रूरतों ने
मुसाफ़िर बना डाला
!!
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एक घड़ी
ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
ली,,
वक़्त पीछे
ही पड़ गया मेरे..!!
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Sad Shayari in Hindi – Part-4 
(Toote Dil Ki Shayari, Broken Heart Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai)
उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!!!!
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जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,
हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!
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वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
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जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना.
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जरा सी चोट से शीशे की तरह टूट गया ,
दिल तो कमबख्त मेरा मुझसे भी बुजदिल निकला ………
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शायद कोई तराश कर किस्मत संवार दे !
यही सोच कर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा !!
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ये भी अच्छा हुआ कि,
कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू .
वरना जिसके दामन में गिरते,
वो भी … बदनाम हो जाता …
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आंसुओसे पलके भीगा लेता हूँ याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!
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मैं मर भी जाऊ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना ….
मशरूफ़ सा शख्स है, कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये …
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एक ही शख्स था मेरे मतलब का दोस्तों
वो शख्स भी मतलबी निकला……!!!”
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झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता,
मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने…”
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तुझे हर बात पे मेरी जरूरत पड़ती ,
काश मैं भी कोई झूठ होता ………”
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ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो.
अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो.
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अंधेरे मे रास्ता बनाना मुश्किल होता है,
तूफान मे दीपक जलना मुश्किल होता है,
दोस्ती करना गुनाह नही,
इसे आखिरी सांस तक निभाना मुश्किल होता है.
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पत्थर की दुनिया जज्बात नहीं समझती ;
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती ;
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है ;
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
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जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |
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राज ना आयेगा मुजपर अब कोई भी सितम तेरा,
ईतना बिखर गया हू कि दरिंदगी भी तेरी शमँसार हो जाये.
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जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे।
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मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,
कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि..
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यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ..,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे..
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तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया
आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया….
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कम नहीं मेरी जिंदगी के लिए, चैन मिल जाये दो घडी के लिए,
ऐ दिलदार कौन है तेरा क्यों तड़पता है यू किसी के लिए.
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उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता
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सच्चाई को अपनाना आसान नहीं
दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है
जब सारे के सारे ही बेपर्दा हों
ऐसे में खु़द पर्दा करना पड़ता है
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किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला
=-=-=-=-=
नदी जब किनारा छोड़ देती है
राह की चट्टान तक तोड़ देती है
बात छोटी सी अगर चुभ जाते है दिल में
ज़िन्दगी के रास्तों को मोड़ देती है
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तूने देखा है कभी एक नज़र शाम के बाद
कितने चुपचाप से लगते हैं शज़र शाम के बाद
तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दुख
तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद
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मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा….
=-=-=-=-=
नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था
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दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ
तू चाँद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ
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चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं
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मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर!
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लाख हों हम में प्यार की बातें
ये लड़ाई हमेशा चलती है.
उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ
मेरी इक दोस्त से वो जलती है
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मैँ कैसा हूँ’ ये कोई नहीँ जानता,
मै कैसा नहीँ हूँ’
ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…
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ज़िन्दगी में इक मुकाम आया तो था
भूले से सही तेरा सलाम आया तो था
न जानें तुझे खबर है, है की नहीं
मेरे अफ़साने में तेरा नाम आया तो था
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“जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”
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में पिए रहु या न पिए रहु,लड़खड़ाकर ही चलता हु ,
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे
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बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।
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हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर…
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो…. !!!
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तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं !!
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नजर में बदलाव है उनकी, हमने देखा है आजकल !
एक अदना सा आदमी भी , आँख दिखा जाता है !!
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कोई आँखों में बात कर लेता है,
कोई आँखों आँखों में मुलाकात कर लेता है.
मुश्किल होता है जवाब देना…
जब कोई खामोश रह करभी सवाल कर लेता है!
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हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं,
और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम..
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तुझे तो मोहब्बत भी तेरी ऒकात से ज्यादा की थी …..
अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या होगा…. .
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वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच ?
में ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था “इश्क”,
हज़ारों के बीच.”
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शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ…..!
तुम ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे….!
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ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
वादे नीभा-नीभा के थक गया हूँ मैं…
=-=-=-=-=
तन्हाई के लम्हे अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…
तुझे भूलने की बात करूँ तो… ये तेरी खता पूछते हैं…!!
=-=-=-=-=
आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा….मेरी शोहरत का हुआ,
नाम नहीं लेती…..मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उसपर दौलत का हुआ…
=-=-=-=-=
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का,
सुकून ढूंढने चले थे, नींद ही गंवा बैठे”…..!!!
=-=-=-=-=
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है, अय सनम;
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।
=-=-=-=-=
पहले हाथ से लिखा
प्रेम पत्र देते थे,
अब touchscreen
फ़ोन पर टाइप करके भेज देते हैं…..
इश्क़ में ये दुनिया
फिर से अँगूठा-छाप
हो गयी”
=-=-=-=-=
जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई
=-=-=-=-=
लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में
हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई
=-=-=-=-=
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं.
=-=-=-=-=
ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,
वो ज़िद्द कर के बोले… ‘फिर से सुनाओ’…..!!”
=-=-=-=-=
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,
कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
तो वो पूछती है कितनी पी है?………
=-=-=-=-=
एक बार और देख के आज़ाद कर दे मुझे,
में आज भी तेरी पहली नज़र के कैद में हूँ…!!
=-=-=-=-=
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!
=-=-=-=-=
रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर……..
लोगो के मुह पे राम नाम था….
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….
=-=-=-=-=
तेरे चेहरे पर अश्कों की लकीर बन गयी ,
जो न सोचा था तू वो तक़दीर बन गयी !!.
=-=-=-=-=
हमने तो फिराई थी रेतो पर उंगलिया ,
मुड़ कर देखा तो तुम्हारी “तस्वीर
“बन गयी .!!
=-=-=-=-=
“बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटे से इंकार में,
हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
तो स्वागत है हमारी दोस्तीके दरबार में.”
=-=-=-=-=
क्या रखा है अपनी ज़िँदगी के इस अफ़साने मेँ..
कुछ गुज़र गई अपना बनाने मेँ, कुछ गुज़र गई अपनो को मनाने मेँ..
=-=-=-=-=
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।
=-=-=-=-=
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
=-=-=-=-=
मुझे परिन्दा न समझो यारो ,
मै वो नही जो तूफ़ा में आशियाँ बदल ल
=-=-=-=-=
अफवाह थी कि मेरी तबियत खराब है,
लोगों ने पूछ पूछ कर बीमार कर दिया…
=-=-=-=-=
मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी,
एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए…
=-=-=-=-=
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!
=-=-=-=-=
आंखे कितनी भी छोटी क्यु ना हो,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने कि होती हॆ…
=-=-=-=-=
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!
=-=-=-=-=
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के…
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया है…!!!!
=-=-=-=-=
आपकी यादें भी हैं, मेरे बचपन के खिलौनो जैसी ..
तन्हा होते हैं तो इन्हें ले कर बैठ जाते हैं…!
=-=-=-=-=
किन लफ्ज़ो में बयां करूँ अपने दर्द को,
सुनने वाले तो बहुत है समझने वाला कोई नहीं
=-=-=-=-=
 “ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और
लोग मुझे आवारा समझते हैं”
=-=-=-=-=
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!
=-=-=-=-=
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर
हर कीसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है।
=-=-=-=-=
घृणा के घाव से जो लहू टपकता है उससे नफरत
ही पलती है
प्यार के घाव से जो दर्द मिलता है उससे भी राहत मिलती है .
=-=-=-=-=
हकीकत को हादसे का नाम लेकर खुद को तो संभाल लिया हमने
पर दिल को ख्वाबो से निजात देना इतना भी आसन नहीं है जहा मे …
=-=-=-=-=
गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी,
वो हसरत-ए-ज़िन्दगी है ….शर्त-ए-ज़िन्दगी तो नहीं……!!
=-=-=-=-=
याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है !!!…
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो…!!!
=-=-=-=-=
कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से..;
बोतल पे लिखा तो है,मैं जान लेवा हूँ..!!
=-=-=-=-=
“उनसे क़ह दे कोई जाकर कि हमारी सजा कुछ कम कर दे,
हम पैशे से मुजरिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ है।…”
=-=-=-=-=
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!
=-=-=-=-=
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …
=-=-=-=-=
अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !
=-=-=-=-=
“ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
=-=-=-=-=
 “शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है”
=-=-=-=-=
आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता हैँ,
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को पडता हैँ.
=-=-=-=-=
शायरी इक शरारत भरी शाम है,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है,
जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा
मयक़दा तो बिना बात बदनाम है….
=-=-=-=-=
कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए..
=-=-=-=-=
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.
=-=-=-=-=
देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं..
=-=-=-=-=
तरक्की की फसल, हम भी काट लेते..!
थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते..!!
=-=-=-=-=
किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती है
तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई!
=-=-=-=-=
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।
=-=-=-=-=
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!
=-=-=-=-=
जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला।
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है।
=-=-=-=-=
कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले ,
बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं …
=-=-=-=-=
 “संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया .
=-=-=-=-=
क्या हुआ अगर जिंदगी में हम तन्हा है ???
लेकिन इतनी अहमियत तो दोस्तो में बना ही ली है कि…
मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में,
जिस दिन मैँ चला जाँऊगा आसमान में !!
=-=-=-=-=
जब भी देखा मेरे कीरदार पे धब्बा कोई
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई
=-=-=-=-=
ले रहे थे मोहब्बत के बाज़ार में इश्क की चादर…
लोगो ने आवाज़ दी कफन भी ले लो…
=-=-=-=-=
इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना, ए दोस्त
इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है.
=-=-=-=-=
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर…
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है….
=-=-=-=-=
थक गया हूँ मै, खुद को साबित करते करते, दोस्तों..
मेरे तरीके गलत हो सकते हैं, लेकिन इरादे नहीं…!!!
=-=-=-=-=
तलाश है इक ऐसे शक्स की , जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले,
जब दुनियाँ हमसे कहती है, क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो..
=-=-=-=-=
मज़बूरियाँ थी उनकी…और जुदा हम हुए
तब भी कहते है वो….कि बेवफ़ा हम हुए…..
=-=-=-=-=
छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस,
ए दोस्त
जो रुला सकता है, वो भुला भी सकता है.!
=-=-=-=-=
इतना जलाने के बाद भी, वो ज़ालिम धुआं ढूंढते हे ,
“निकलते हे आंसू कहाँ से इतने”?,पूछकर, कुआं ढूंढते हे…
=-=-=-=-=
गम इस कदर मिला कि घबराकर पी गए हम,
खुशी थोड़ी सी मिली, उसे खुश होकर पी गए हम,
यूं तो ना थे हम पीने के आदी,
 शराब को तन्हा देखा तो तरस खाकर पी गए हम..
=-=-=-=-=
तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही… !!
=-=-=-=-=
ख़ुशी मेरी तलाश में दिन रात यूँ ही भटकती रही….
कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले….!!
=-=-=-=-=
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है…
=-=-=-=-=
सोचा था की ख़ुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता…
फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….
=-=-=-=-=
यही सोच के रुक जाता हूँ मैं आते-आते,
फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।
=-=-=-=-=
कभी वादे भी तोड़ लिया करो तुम,
जरा रूठने का तज़ुर्बा हासिल हो जाए..
=-=-=-=-=
तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ..
तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ..
=-=-=-=-=
वो
जो कहता था तुम न मिले तो मर जाएंगे हम…
वो आज भी जिन्दा है, ये बात किसी और से कहने के लिए…
=-=-=-=-=
सुना हे, वोह जब मायुश होते हे, हमे बहोत याद करते हे
अये खुदा, अब तुहि बता, उसकी खुशी की दुआ करु या मायुशि कि!!!
=-=-=-=-=
जिंदगी जब किसी दो राह पर आती हैं
एक अजीब सी कशमकश में पड जाती हैं
चुनते हैं हम किसी एक राह को
पर दुसरी राह जिंदगी भर याद आती हैं
=-=-=-=-=
युं खामखा न करो रंगों को मुजपे बरबाद दोस्तो…
हम तो पहले से ही रंगे हुऐ है इश्कमें…..
=-=-=-=-=
थक सा गया हूँ , खुद को सही साबित करते करते ,
खुदा गलत हो सकता है , मगर मेरी मुहब्बत नहीं ………..
=-=-=-=-=
खूबियाँ इतनी तो नही हम मे, कि तुम्हे कभी याद आएँगे,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे कभी भूल नही पाएँगे..
=-=-=-=-=
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी हे.
=-=-=-=-=
आंखे भी संभाल कर बंद करना ऐ दोस्तो,
पलको के बीच भी, सपने तुट जाया करते है…!
=-=-=-=-=
हमें अंधेरों ने इस कदर घेरा कि
उजालों की पहचान ही खो गयी,
तक़दीर ने हमें इस कदर मारा कि
अपनों की पहचान ही खो गयी,
कोशिशों का हमनें कभी दामन न छोड़ा
पर लगता है हमारी किस्मत ही सो गयी..
=-=-=-=-=
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का…
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…!!
  

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Sad Shayari in Hindi – Part-3
(Toote Dil Ki Shayari, Broken Heart Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai)
मुझसा कोई जहाँ में नादान भी न हो
,
कर के जो इश्क कहता है नुकसान भी न हो
…!!
=-=-=-=-=
मेरे ही हाथों पर
लिखी है तकदीर मेरी;
और मेरी ही तक़दीर पर मेरा बस नहीं चलता।
=-=-=-=-=
क्या खूब होता अगर यादें रेत होती…
मुठी से गिरा देते, पाँव से उड़ा देते…
=-=-=-=-=
जीने के लिए रोज़ हँस लेता हुँ,
मगर,
रोज़ थोड़ी थोड़ी ज़िन्दगी बेच लेता हुँ…
=-=-=-=-=
आगे आती थी हाल ए  दिल पे हसी
अब किसी बात पे
नहीं आती
=-=-=-=-=
अब  इस से  ज्यादा  क्या नरमी  बरतू
दिल  के ज़ख्मो को छुया है  तेरे गालों  की तरह
=-=-=-=-=
पत्ता पत्ता बूटा  बूटा  हाल  हमारा जाने हैं
जाने न  जाने गुल  ही न  जाने  , बाग़  तो सारा  जाने  हैं
=-=-=-=-=
मेरे लफ्जों स न कर
मेरे किरदार का फैसला
तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढुँढते ढुँढते
=-=-=-=-=
कुछ तबियत ही  मिली थी ऐसी  , चैन से जीने  की सूरत न हुयी
जिसको चाह उसको अपना न सके
, जो मिला उस से  मोहब्बत न हुयी
=-=-=-=-=
जिंदगी के राज़ को
रहने दो,
अगर है कोई ऐतराज़ तो रहने दो,
पर जब दिल करे हमें याद करने को,
तो उसे ये मत
कहना के आज रहने दो
=-=-=-=-=

जिनके मिलते ही ज़िन्दगी में ख़ुशी मिल जाती है
वो लोग जाने क्यों ज़िन्दगी में कम मिला करते हैं।
=-=-=-=-=
ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के
चेहरे उतर जाएँगे
=-=-=-=-=
जब मोहब्बत ही नहीं दरमियाँ..
वो रुठेंगे भी क्या, हम
मनाएंगे भी क्या…
=-=-=-=-=
आज जाकरके उसने, सच में भुलाया है मुझे…
वरना ये हिचकियाँ , पानी से तो नहीं जाती थीं…
=-=-=-=-=
तू इतना याद ना
कर मुझ को
,
के हिचकिया तेरे राज़ , सरे आम खोलती है
=-=-=-=-=
बेवफाई तो यहाँ सभी करते हैं…………
अरे आप तो समझदार थे कुछ तो नया करते..
=-=-=-=-=
ऐसी बेरुखी भी देखी है हम ने…..
के लोग,आप
से तुम तक……
 तुम से
जान तक,
फिर ‘जान’ से….. ‘अनजान’ तक
हो जाते है.
=-=-=-=-=
अजीब फितरत है उस
समंदर की…………………..
जो टकराने के लिए पत्थर ढुंढता है…..
=-=-=-=-=
वो मेरी किस्मत मैं नहीं,
ये सुना है लोगों से,
फिर सोचता हूँ, किस्मत खुदा लिखता है,
लोग नहीं….
=-=-=-=-=
जिन्दगी ने आज फिर हमारी अजमाइश की है
l
भूले हुए लोगो से
फिर मिलने की फरमाइश की है
=-=-=-=-=
इक-इक पत्थर जोड़ के मैंने जो दीवार बनाई है
झाँकूँ उसके पीछे तो
रुस्वाई ही रुस्वाई है
=-=-=-=-=
हम बने ही थे
तबाह होने के लिए…
तेरा मिलना तो बस
एक बहाना था..
=-=-=-=-=
आराम से कट रही थी तो अच्छी थी….
जिंदगी तू कहाँ इन
आँखों की बातों में आ गयी….
=-=-=-=-=
तुमसे मुमकिन हो तो
रोक दो सासें मेरी…
दिल जो थङकेगा तो
याद तुम ही आओगे…!!
=-=-=-=-=
Hai Chand Ka Muhn Bhi Utra Utra
Taro Ne Chamkna Chod Diya
Jis Din Se Juda Wo Humse Huye
Is Dil Ne Dhadkna Chhod Diya
=-=-=-=-=
Chale jaana chaahta hu tujhe tere haal par chhod kar,
Qaddar kyaa hoti hai pyaar ki tujhe waqt hi sikha dega..
=-=-=-=-=
Meri tadap toh kuch bhi nahi hai…
Suna hai uss ke deedar ko toh aainay bhi taraste hain..
=-=-=-=-=
Jaruri nahi ki kaam se hi insan thak jaye ,
Khayalo ka boj bhi insan ko thaka deta hai…
=-=-=-=-=
Muje Nahi Pata..,Ye Sudhar Gaya Ya Bigad gaya…
Bassss Ab Ye Dil kisi Se Muhaabat Nahi Karta. . .
=-=-=-=-=
Main kaun hoon yeh pata chal jaaye toh mujhe bhi bata dena.
Kaafi dinon se talash hai mujhe meri.
=-=-=-=-=
Meri likhi baat ko har koi samaj nahi paata..,
kyonki mein ehsaas likhta hoon aur log alfaz padhte hain…
=-=-=-=-=
Chalo So Jate Hain ab Phir Kisi Such ki Talash Me ,,
K Subha Phir is Jhooti Dunya Ka Deedar Karna Hai …!!
=-=-=-=-=
Aap To Chand Ho Jise Sab Yaad Karte Hain,
Hamari Kismat To Sitaro Jaisi Hai, Yaad Karna To Door…
=-=-=-=-=
Log Apani Khwahish Ke Liye Bhi
Hamare Tootne Ka Intezar Karte Hain.
=-=-=-=-=
Kuch is liye raato ko sona chod diya hum ne……
Agar wo khwab me bhi bichad gaye to mar jayenge hum……
=-=-=-=-=
Tum, Tum aur sirf Tum,
Lo khatam hui yeh dastan dil ki..
=-=-=-=-=
Khuda Na Kary _____ .
Tuje Tuj Sa Miley Koi . !!
=-=-=-=-=
Teri yaad se to acchhi meri sharaab hai zaalim. …
Kambakht rulaane Ke bad sula to deti hai mujko. …
=-=-=-=-=
Suno !
Ye jo ishq ha na…,,
Jaan le leta ha,, Magar phir bhi maut nahi ati…!!
=-=-=-=-=
Jate Hue Us Shakhs Ne Ek Ajab Bad’dua Si Di..!
Tujhe MiLein do Jahan Ki Khushiyan Par Koi Mujh Sa Na
Mile..!
=-=-=-=-=
Wo Log Q miLte hi Utar jate hain diL main
Jin Logon se Qismat k Sitare nhi miLte…
=-=-=-=-=
Tera Bhi Hota Agar DiL, Ae IshQ
Din Main Taare Tujhe Bhi Dikha Daiti…
=-=-=-=-=
Mere Sajdon Mein Kami To Na Thi Aye KHUDAa
Kya Mujh Se Bhi Barh K Kisi Ne MaanGa Tha Usey…
=-=-=-=-=
Bhooool Jaaata Hooon Saaari Duniyaaa ………!
Mujhy Tum Itna Yaaaad Aaaty Ho…
=-=-=-=-=
Gilaa Banta Hi Nahi Be’Rukhi Ka…!!
DiL Hi To Tha____ Bhar Gaya HoGa…!!
=-=-=-=-=
Kabhi PathaR ki Thokar se Bhi NhiN ati KharaaSh,,,,
Kabhi Ek zra si Baat se InsaaN bikher Jata he……!!!!!
=-=-=-=-=
Halaat kuch iss tarah badlay uss k or meray dermiyan.
Na usay meri zarurat rehi na mujhay uss ki tamana…
=-=-=-=-=
Ay Tabib ! Ek Bar Tou Kr dy Dawa-e-Dard-e-Dil,
Agli Bar Toba, So Baar Toba, Hum Muhabbat Na kary Gy………………
=-=-=-=-=
Tery Grajney Se bohot khOff Aata hai ..
Ay Badal ..
Tu Be-Awaaz hi BaraS liya kar mere AnSuon ki tarah…..
=-=-=-=-=
Abb koiiii aarzo nhiii baki..
justaju meriii akhriiii tum thy….!
=-=-=-=-=
Jab Jaan Pyari Thi Toh Dushman Hazaron The…
Ab Marne Ka Shauk Hua To Qatil Nahi Milte….
=-=-=-=-=
Khafa nahi hu tujse ae zindagi
aadat si pad gai hei ruthne ki..
=-=-=-=-=
Mat Chaho Kisi Ko Itna Toot Kar Zindagi Me
Bichard Gaye Toh Har Ek Ada Tang Karegi..!!
=-=-=-=-=
Bus ik khayal sy anso chupa lye hum ne
udas rah kar ksi ko udas kya karna!!!?
=-=-=-=-=
Ansu0n ko khabar kaise hui teri judai ki..
Shayad ye khud hi nikal aye hain teri talash me…
=-=-=-=-=
Mujhe Na Dhoond Zameen-o-Asman ki Gardishon mein,,,,,
Mein Agar tere dil Mein Nahin to kaheen bhi nahi…
=-=-=-=-=
Umeed -e- wafa na rakhna un logon se dosto .
Jo milte h kisi aur se aur hote h kisi or ke…
=-=-=-=-=
Dil Ki Duniya Kuch Iss Tarah Se Ujdi,
Usne Dard Ka Aadi Banna Ke Dard Dena Chodd Diya!
=-=-=-=-=
Muqaddar Mein Raat Ki Neend Nahi Toh Kya Huva,
Jab Mout Aayegi Toh Jee Bhar Ke Soa Lain Ge.
=-=-=-=-=
KHayal_e_Yarr mein neend ka tassawur kaisa?????
Ankh lagti he nai hai Ankh lagi hai jub se..
=-=-=-=-=
Nahi Rahi Woh Muhabbat Ki Haqiqat Aaj K Daur Main,,,
Nafz Ki Pyaas Bujhane Ko Log Ishq Ka Naam Dete Hain…
=-=-=-=-=
Khud Se Hi Fursat Na Mili Kabhi Warna
Hum Agar Kisi K Hotay Sirf Tumhare Hotay…
=-=-=-=-=
Shikway, To Youn Karte Ho Mujh Se
Jese Sirf, Mere Hee Ho Tum…
=-=-=-=-=
Ye tera khel na ban jaye haqiqat ek din…
Ret pe likh k mera naam mitaya na karo…
=-=-=-=-=
Aksar Log Hame Bhul Jate Hai,
Aur Hum Bewkuf
Unki Yaando Me,
Apna “AASHIYANA” Bana Lete Hai.!!
=-=-=-=-=
कौन कहता है कि
दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..
तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं
… !!
=-=-=-=-=
चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है
मुमकिन है चाँद से
हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है
=-=-=-=-=
मुहब्बत तो दिल देकर, की
जाती है मेरे दोस्त।
चेहरा देखकर तो लोग,सिर्फ सौदा करते हैँ।..
=-=-=-=-=
जनाजा इसीलिए भी भारी हे मेरा..
कि सारे अरमान साथ लिये जा रहा हूँ ।
=-=-=-=-=
यूँ ना बर्बाद कर
मुझे,
अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से ।
मै तो सिर्फ इन्सान हूँ,
पत्थर भी टूट जाता है,
इतना आजमाने  से ।
=-=-=-=-=
वफादार और तुम…??
ख्याल अच्छा है,
बेवफा और हम…??
इल्जाम भी अच्छा है…
=-=-=-=-=
सामने मंजिल थी और, पीछे उसका वज़ूद…क्या करते,
हम भी यारों.
रूकते तो सफर रह
जाता…
चलते तो हमसफर रह जाता…”
=-=-=-=-=
हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं,
तब जाकर एक महल बनता है.
आशिको के मरने पर
कफ़न भी नहीं मिलता,
हसीनाओं के मरने पर “”ताज महल””
बनता है.
=-=-=-=-=
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं
लेकिन तेरे हिस्से का
वक़्त आज भी तनहा गुजरता है…
=-=-=-=-=
मुझे मालूम है कि
ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं…
मगर जिंदा रहने के
लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं…!!
=-=-=-=-=
हम बने थे तबाह होने के लिए……
तेरा छोड़ जाना तो
महज़ इक बहाना था….!!
=-=-=-=-=
मैं आपकी नज़रों से
नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,
देखने की हसरत है
बस देखते रहना चाहता हूँ ।
=-=-=-=-=
दर्द तन्हाँ कभी नहीं रहता
ये तुझे, मुझमें तलाश लेता है
=-=-=-=-=
तुम से जिद करते तो हम मांगते क्या…!
खुद से जिद करके तो तुमको मांगा था
=-=-=-=-=
उनकी ना थी खता, हम
ही कुछ गलत समझ बैठे यारों……
वो मुहब्बत से बात करते थे,
तो हम मुहब्बत समझ बैठे…..
!!
=-=-=-=-=
ऐ ज़िन्दगी मुझे तोड़ कर ऐसे बिखेर अब की बार…….
ना खुद को जोड़ पाऊँ मै,
ना फिर से तोड़ पाये वो…..!!
=-=-=-=-=
गल्हतफ़हमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मुहब्बत में………
जहाँ किरदार हल्का हो
कहानी डूब जाती है…….!!
=-=-=-=-=
जिंदगी से कोई चीज़ उधार नहीं मांगी मैंने….
कफ़न भी लेने गए
तो जिंदगी अपनी देकर….!!
=-=-=-=-=
कुछ ज़ख्म सदियों बाद भी ताज़ा रहते है……
वक़्त के पास भी
हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…!!
=-=-=-=-=
हाथ ज़ख़्मी हुए तो
कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
=-=-=-=-=
मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको…….
हम तो वैसे भी
तुम पर मरने वाले हैं
….!!
=-=-=-=-=
खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं………
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं….!!
=-=-=-=-=
सूखे होठो से ही
होती हैं प्यारी बातें
प्यास बुज़ जाये तो
इंसान और अल्फाज़ दोनो बदल जाते हैं
..!!
=-=-=-=-=
“हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं”
=-=-=-=-=
होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं
……
आँखों को ये हुनर…
कभी आया ही नहीं
……
=-=-=-=-=
कितनी सदियों के बाद मिले हो,
वक़्त से क्यों, इतना छिले हो!!!?
=-=-=-=-=
इक ज़ख़्मी परिन्दे की
तरह जाल में हम हैं,
ऐ इश्क़ अभी तक
तेरे जंजाल में हम हैं।
=-=-=-=-=
खुदा भी अब मुझसे बहुत परेशान है……
रोज़ रोज़ जब से
दुआ में तुझे मांगने लगा हूँ….!!
=-=-=-=-=
मालूम होता है भूल गए हो शायद…….
या फिर कमाल का
सब्र रखते हो…..!!
=-=-=-=-=
 “ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को
जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है.”
=-=-=-=-=
कुछ ना रहा पास तो रख ली संभाल कर तन्हाई
.
.
ये वो सल्तनत है
जिसके बादशाह भी हम
वज़ीर भी हम और
फ़क़ीर भी हम………
=-=-=-=-=
 “इस कदर हर तरफ तन्हाई है,
उजालो मे अंधेरों की
परछाई है,
क्या हुआ जो गिर गये पलकों से आँसू,
शायद याद उनकी चुपके से चली आई है
=-=-=-=-=
इतनी पीता हू….
इतनी पीता हू की
मदहोश रहता हू.
सब कुछ समझता हू
पर खामोश रहता हू
जो लोग करते ह मुझे गिराने की कोशिश
मे अक्सर उन्ही के
साथ रहता हू|.
=-=-=-=-=
हकीकत में ये ख़ामोशी हमेशा चुप नहीं होती।
कभी तुम ग़ौर से
सुनना ये बोहत क़िस्से सुनाती है।
=-=-=-=-=
तेरी महफिल से उठे तो किसी को खबर तक नही थी
!
तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमे बदनाम कर गया
=-=-=-=-=
“जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”
=-=-=-=-=
ला तेरे पेरों पर
मरहम लगा दूं…
कुछ चोट तो तुझे भी आई होगी मेरे दिल को ठोकर मार कर…!!!
=-=-=-=-=
उनसे कहना कि किस्मत पे इतना नाज़ ना करें,
हमने बारिश में भी
जलते हुए मकान देखें हैं
=-=-=-=-=
ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
वादे नीभा-नीभा के थक
गया हूँ मैं…
=-=-=-=-=
“दीदार की ‘तलब’
हो तो नज़रे जमाये रखना
‘ग़ालिब’
क्युकी, ‘नकाब’ हो या ‘नसीब’…..सरकता जरुर है.”
=-=-=-=-=
हमे पता था की
उसकी मोहब्बत में ज़हर हैं
;
पर उसके पिलाने का
अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके !
=-=-=-=-=
लोग कहते है हम
मुस्कराते बहुत है…
और हम थक गए
दर्द छुपाते छुपाते…
=-=-=-=-=*
गम में भी हम
इस तरह जीते हैं
जैसे शादियों में लोग शराब पीते हैं
=-=-=-=-=
बादलों से कह दो
अब इतना भी ना बरसे….
अगर मुझे उनकी याद आ गई,
तो मुकाबला बराबरी का
होगा….
=-=-=-=-=
छीन लेता है हर
चीज मुझसे
ए खुदा…
क्या तू भी इतना गरीब है????
=-=-=-=-=
कितना अजीब हो गर
पलट जाये बाजी सारी..
वो मुझे याद करे और मै मसरूफ रहू.
=-=-=-=-=
अगर है दम तो
चल डुबा दे मुजको,
समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी…।..
=-=-=-=-=
कुछ तुम को भी
अज़ीज है अपने सभी उसूल,
कुछ हम भी इत्तेफाक से जिद्द के मरीज़ हैं ।।
=-=-=-=-=
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह
…. ..
उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह
.
=-=-=-=-=
उसने पूछा …कोई आखरी ख्वाइश ?
ज़ुबान पे फिर ” तुम ” आ गया
=-=-=-=-=
सहमी-सहमी हुई रहती हैं मकाने दिल में
आरज़ूएँ भी ग़रीबों की
तरह होती हैं
..
=-=-=-=-=
Iss Nazar” Se Dekha Hai Tujhe..
Jis Nazar Se Tujhe “Nazar” Na Lage !
=-=-=-=-=
अजब पहेलियां हैं हाथों की लकीरों में…
सफर ही सफर लिखा है हमसफर कोई नहीं…
=-=-=-=-=
क्या नए ज़ख्म की
यह आहट है,
आज फिर कोई मुझे ‘अपना’ कह
गया..|।।
=-=-=-=-=
दिल प्यार में बेक़रार भी होता हैं दोस्ती में थोड़ा इंतज़ार भी होता हैं
होती नहीं प्यार में दोस्ती पर दोस्ती में शामिल प्यार भी होता हैं
=-=-=-=-=
वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे
!!..
और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है
!!!!…
=-=-=-=-=
बहुत अन्दर तक तबाही मचाता है
वो आंसू जो आँखों से
‘बह’ नहीं पाता है……..
=-=-=-=-=
अपनों की चाहतों ने
दिया कुछ ऐसा फरेब
,
कि रोते रहे लिपटकर हर एक अजनबी से हम…
=-=-=-=-=
अब हाल पर हमारे~हमको छोड़ भी दो यारों~~
लेते फिरें तुम्हारे अहसान और कितने…।।।
=-=-=-=-=
तन्हाइयों की आदत अब
हो गई हमें तुम्हारा पास आना,अब
भाता नहीं
यूं फैले हमारी चाहतों के फासले,
अब किसी चाहत से,कोई नाता नहीं
=-=-=-=-=
हक़ीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी,
फिर भी ख्वाहिश है
कि…
एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए………!
=-=-=-=-=
ए दिल ,चल एक सौदा करते हैं
,
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ
, तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे
…!!
=-=-=-=-=
चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम
ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए..
=-=-=-=-=
गुमान न कर अपनी खुश-नसीबी का..
खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क होगा..
=-=-=-=-=
तुझे कोई और भी
चाहे,
इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है,
पर फकर है मुझे इस बात पे कि,
हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है…!!!
=-=-=-=-=
वो अपने फ़ायदे की
खातिर फिर आ मिले थे हम से,
हम नादान समझे के
हमारी दुआओं में असर बहुत है..
=-=-=-=-=
जिसको सूरज मेरी चौखट से मिला,

वों उजाले हमे खैरात में देतें है….
!!!
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Sad Shayari in Hindi – Part-2
(Toote Dil Ki Shayari, Broken Heart Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai)
दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है
?
=-=-=-=-=
सलीक़ा हो अगर भीगी हुई आँखों को पढने का,
तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं
=-=-=-=-=
डरता हूँ कहने से की मोहब्बत है तुम से ……!!
की मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा इकरार भी और इनकार भी …!!
=-=-=-=-=
मै फिर से निकलूंगा तलाश -ए-जिन्दगी में ….
दुआ करना दोस्तों इस बार किसी से इश्क ना हो
…..
=-=-=-=-=
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है,
अपना होता तो बात और थी
=-=-=-=-=
ये भी एक तमाशा है इश्क ओ मोहब्बत में
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है
=-=-=-=-=
रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाज़ार में,
इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना
=-=-=-=-=
हमें कोई ग़म नहीं था, ग़म-ए-आशि़की से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले
=-=-=-=-=
किरण चाहू तो दुनिया के सरे अँधेरे घेर लेते है
|
कोई मेरे तरह जी ले तो जीना भूल जायेगा ||
=-=-=-=-=
साथ भी छोडा तो कब,जब सब बुरे दिन कट गए |
ज़िन्दगी तुने कहा आकर दिया धोखा मुझे ||
=-=-=-=-=

हमें इस चिस्त से उम्मीद क्या थी और क्या निकला
|
कहा जाना हुआ था तय कहा से रास्ता निकला ||
खुदा जिनको समझते थे वो शीशा थे न पत्थर थे
|
जिसे पत्थर समझते थे वही अपना खुदा निकला
||
=-=-=-=-=
अगर टूटे कीसी का दिल ,तो शब् भर आख रोती है |
ये दुनिया है गुलो की जी इसमें काटे पिरोती है
||
हम मिलते है अपने गाओ में दुश्मन से भी इठला कर |
तुम्हारा शहर देखा तो बड़ी तकलीफ होती है ||
=-=-=-=-=
मेरी आँखों में आसूं, तुझसे हम दम क्या कहूं क्या है.
ठहर जाये तो अंगारा है,बह जाये तो दरिया है.
=-=-=-=-=
कहाँ नहीं तेरी यादों के हाथ
कहाँ तक कोई दामन बचा के चले
=-=-=-=-=
पूछ कर मेरा पता बदनामिया मत मोल ले
ख़त किसी फूटपाथ पर रख दे,
मुझे मिल जायेगा
 =-=-=-=-=
अपने हालात का खुद पता नहीं मुझको,
मैंने औरों से सुना है के मैं परेशां हूँ आजकल…
=-=-=-=-=
आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे,
कोई पता करो वो ठीक तो है ना
=-=-=-=-=
ऐंसे नहीं न सही,
वैसे ही सही
बस, एक बार तुम हाँ तो कहो ?
=-=-=-=-=
जब वो मिले हमसे अरसे बाद तो उन्होने पूछा हाल
-चाल कैसा है,
तो मैने कहा तुम्हारी चली चाल से मेरा हाल बदल गया,
=-=-=-=-=
Maut Se Keh Do Ki Hum Se Naraazgi Khatam Kar le Ab…!
Wo Bahut Badal Gaye Hai Jinke Liye Hum Jiya Karte Hain…
=-=-=-=-=
Tu hosh me thi phir bhi hume pehchaan na paai
Ek hum hai ki pee kar bhi tera naam lete rehte hai…
=-=-=-=-=
Un parindo ko kaid karna meri fitrat me nahi…
jo mere dil k pinjre me reh kar bhi dusro ke sath udne ke
shauk rakhte hai…
=-=-=-=-=
Tum rakh na sakoge mera tohfa
sambhal kr…
Warna abhi dil de deta apne sine
se nikal kar..!!!
=-=-=-=-=
Hamare baad nahi aayga tumhe chahat ka maza…
Tum sab se kehty firogy mujhe chaho uski tarah…
=-=-=-=-=
Tum Aaj Har Saans K Sath Yaad Aa Raahe Ho,,
Ab Teri Yaad Ko Rok Dun…Ya Apni Saans Ko…??
=-=-=-=-=
Paas Rahne Se Bhi Kam Nahi Hota…!!
Faaasla Jo Dilo’n Mein Hota Hai…!!
=-=-=-=-=
Bohat Rokta Hoon Khud Ko Tumhein Yaad Karne Sy . . .
Lakein Kya Karon, Ye Nadan Dil Na-Farmaan Bohat Hai…
=-=-=-=-=
Har Raat Guzarti Hai Meri Taron Ke Darmiyaa’n.
Main Chaand To Nahi Mgar Tanha Zarur hoon…
=-=-=-=-=
Dhoond raha hon Lekin Nakaam hoo abhi Tak….,
Wo Lamha, jis mein tu yaad Na aayi ho….
=-=-=-=-=
Jinn Ke Paas Hoti Hain Umer Bhar Ki Yadain,
Woh Log Tanhai Mein Bhi Tanha Nahi Hotay..
=-=-=-=-=
Pachtaya bahot uss k darwaze per dastak de kar
dard ki inteha ho gai jab uss ne poocha kon ho tum..
=-=-=-=-=
Mohbbat Main Jhukna Koi Ajeeeb Baat Nahi,
Chamakta Suraj Bhi to Dhal Jata Ha Chaand k Liye.! …
=-=-=-=-=
Maujood thi Udaasi abhe Pichhli Raat Ki,,
Behla tha DiL Zara Sa K Phir Raat ho Gai.!
=-=-=-=-=
Hum bhi maujood thy taqdeer k darwaazey par…
Log daulat par girey, humney tujhe maang liya….
=-=-=-=-=
Un Ko Dekha To kisi chiz ki Gumshudgi Ka Ehsaas Huwa
Hath Seene Pe Jo Rakha To Dil Maujood Na Tha,…
=-=-=-=-=
Toot sa gaya hai meri chahato ka wajood…
Ab koi achchha b lage to ham izhaar nahi karte…
=-=-=-=-=
Shikway Shikayatou’n ki Nahi..Yeh Zarf Zarf Ki Baat He..
Tere Vehm-O-Guma’n Mei’n Bhi Hum Nahi,Aur Tu Lafz Lafz
Hamai’n Yaad Hy…….
=-=-=-=-=
Yun To Har Rang Ka Mousam Mujhse Waqif Hai Magar,
Raat-E-Tanhaiyan Mujhe Kuch Alag Hi Janti Hain…
=-=-=-=-=
Sach He, Insaan Ki Khwahisho Ki Koi Had Nhi……
Meri Un’ginat Khwahishe Dekho Wo,Wo Or Bas Wo……
=-=-=-=-=
Nam Hai Palkain Teri Ae Moj-e Hawa Raat Ke Saath
Kya Tuje Bi Koi Yad Aata Hai Barsat Ke Sath..
=-=-=-=-=
Is Baarish Ke Mausam Main Ajeeb Si Kashish Hai ….
Na Chahte Hue Bhi Koi Shiddat Se Yaad Aata Hai….…
=-=-=-=-=
Rim Jhim Rim Jhim Baras Rahi Hai …
Yaad Tumhaari Qatraa Qatraa…
=-=-=-=-=
Jo Mujh se Tooti Thi Wo chorriyan Sasti Thii…..
Bahut mehnga Tha woH Dil Jo Tu Ne Tod Dala…..
=-=-=-=-=
Nahi Milega Mujh Jaisa Tujhe Chahne Waala. . .!!
Jaa Tujhe Ijaazat Hai Saari Duniya Aazma Le. . .!!!
=-=-=-=-=
Anjaam Ki Parwa Hoti To Me Ishq
karna Chhod Deta”
”Ishq Me Zid Hoti He Or Zid ka Me Betaaj Badshah Hun….”
=-=-=-=-=
Ishq ka samandar bhi kya samandar hai,
jo doob gaya wo aashiq jo bach gaya wo deewana…
=-=-=-=-=
Karo phir se koi wada, kabhi na phir bichhadne ka ….
tumhein kya faraq padta hai chalo phir se mukkar jana …
=-=-=-=-=
Chal chup kar, uss ki gawahiyyan, saffaiyyan …
Tu mera DIL he ya US bewafa ka wakeel ….!!!
=-=-=-=-=
Meri khamoshi tumhen rulaigee…
Zara yeh waqat beat jany do….!!
=-=-=-=-=
Auron se to umeed ka rishta bhi nahi tha….
Tum itne badal jao gay socha bi nai tha…..
=-=-=-=-=
Darpok hai woh log, Jo pyaar nahi karte.
Saala barbad hone ke liye bhi jigar chahiye…
=-=-=-=-=
Phool yuhi nahi khilte,
beej ko dafan hona padta hai …
=-=-=-=-=
Chahat, Fikar, Taqdeer, Isqh-Mohabbat, Or Wafa…
‪Meri In Hi Adaton Ne Mera Tamasha Bana Diya…
=-=-=-=-=
Muhabbat ki haqeeqat mein ..
Khamooshii aakhri sach hai…
=-=-=-=-=
Har koi Deta Hai Zakham Gin Gin ke ‘Be-Wajha’….!
Mein Kis kis Zakham Ko Apna Naseeb Samjhoon…!
=-=-=-=-=
Sikha Di Bewafai Tumhe B Zalim
Zamane Ne..!!
Tum Jo Seekh Lete Ho, Hum Hi Pe Azmate Ho..
=-=-=-=-=
Taqdeer Ka Hi Khel Hai Sab….. ,
Par ,
Khwahishe’n Samjh’ti Hi Nahi……!!!
=-=-=-=-=
लम्हों की दौलत से दोनों महरूम रहे ,
मुझे चुराना न आया,
तुम्हें कमाना न आया
=-=-=-=-=
अब किसी और से मुहब्बत करलू तो शिकायत मत करना…।।
ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है…..।।
=-=-=-=-=
टूट  कर  भी  कम्बख्त  धड़कता  रहता  है ,
मैने
इस  दुनिया  मैं  दिल   सा  कोई  वफादार नहीं  देखा।
……
=-=-=-=-=
अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप….
तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें….
=-=-=-=-=
मेरी मंज़िल मेरी हद ।
बस तुमसे तुम तक ।।
ये फ़क्र है कि तुम मेरे हो ।
पर फ़िक्र है कि कब तक ।।
=-=-=-=-=
बहुत आसान है पहचान इसकी
अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है
=-=-=-=-=
अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी.
=-=-=-=-=
ना इतना चाह मुझे की तेरा तलब्दार बन जाऊ,
तेरी मोहब्बत दीवानगी का में हकदार बन जाऊ,
मेरे मुक़द्दर तक़दीर की तू परवाह ना किया कर,
ऐसा ना हो की में खुद तुझ में तेरी तस्वीर बन जाऊ…
=-=-=-=-=
क्या फर्क है दोस्ती और मोहोब्बत में,
रहते तो दोनों दिल में ही है…?
लेकिन फर्क तो है…..
बरसो बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है,
और मोहोब्बत नज़र चुरा लेती है…!!
=-=-=-=-=
दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में ,
कुछ लोग याद बहुत आते है दिन ढल जाने के बाद…
=-=-=-=-=
ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा समझते हैं..!!
=-=-=-=-=
सुनकर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल,
यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार बार खुदा मत बदल……!!
=-=-=-=-=
तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में
शाम ही नहीं होती?
=-=-=-=-=
तेरी मोहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,
हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
=-=-=-=-=
ये कफ़न,
ये कब्र,
ये जनाज़े,
सब रस्म ऐ दुनिया है दोस्त,
मर तो इन्सान तब ही जाता है,
जब याद करने वाला कोई ना हो.
=-=-=-=-=
हम अपने पर गुरुर नहीं करते,
याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते.
मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले,
तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते.
=-=-=-=-=
फ़लक पर कबूतर दिखे जब कभी,
बहुत याद आयीं तेरी चिठ्ठियाँ..
=-=-=-=-=
फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे खुदा,
ये साफ़ सुथरी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं लगती।
=-=-=-=-=
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं
=-=-=-=-=
वो इस कमाल से खेले थे इश्क की बाजी …..!!
मैं अपनी फतह समझता रहा मात होने तक…!!!
=-=-=-=-=
जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है
तो राँझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ
=-=-=-=-=
अजीब था उनका अलविदा कहना !सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं!
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में, की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ !
=-=-=-=-=
बेगाना हमने नही किया किसी को अपने से,
जिसका दिल भर गया वो छोड़ता चला गया….
=-=-=-=-=
बेखबर हो गए है कुछ दोस्त हमसे,
जो हमारी ज़रूरत को महसूस नहीं करते.
कभी बहुत बातें किया करते थे हमसे,
अब खेरियत तक नहीं पूछते…!!!
=-=-=-=-=
कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने
“”एय दिल “”
लोग आप से तुम
,
तुम से जान ,
और जान से अनजान हो जाते हैं…
=-=-=-=-=
सुनो, आज खुशी मिली थी डिबिया में बंद कर के रख ली है
तुम मिलोगें,
तो मिल-बाँट के खायेगें, नहीं तो शायद मीठी न लगे
!!
=-=-=-=-=
बर्बाद कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे फिर मुहब्बत मुझसे
?………
लहू लहू था दिल मगर होंठों ने कहा…”इंशा-अल्लाह”….!!
=-=-=-=-=
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं…!!!
=-=-=-=-=
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या
?
वो मुस्कुरा के बोले
… पहले तुम्हारे थे क्या
.?
=-=-=-=-=
हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह…
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे..
=-=-=-=-=
किसी ने ग़ालिब से कहा :
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती !!
ग़ालिब बोले
:
जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती ।।……….
=-=-=-=-=
फकीर हूँ सिर्फ तुम्हारे दिल का,
बाकी दुनिया का तो सिकन्दर ही हु….
=-=-=-=-=
हथेलिया भर भर के दर्द न दे मुझे,
दर्द के समंदर ले बैठा हूँ में….
=-=-=-=-=
कदम रुक से गए आज फूलो को बिकता देख …
वो अक्सर कहा करते थे की प्यार फूलो जैसा होता हें…
=-=-=-=-=
धोखा दिया था जब तूने मुझे.
जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था…
=-=-=-=-=
तुम न रख सकोगे मेरा तोहफा संभालकर
वरना मै अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर
=-=-=-=-=
Nahi Milti wafa ab un pyar ke rishto mein,
Dunya mein Logon k badal jane ki rasm Aam ho gai hai…
=-=-=-=-=
Zaroori To Nahi Mohabbat Lafzon Me Bayan Ho,
Kya Sach Mein Meri Aankhen Tmhain Kuch Nahi Kehti !!!!!
=-=-=-=-=
Mein toh tere ehsaas se hee mehak gaya…
agar ishq hota toh mere khuda naa jane kaya hota……
=-=-=-=-=
Woh mere dil par rakh kar seer soi thi bekhabar..,
Hum ne dhadkan hi rok li …ki kahin uski neend naa toot
jaaye..
=-=-=-=-=
Khairaat Mein Mili Khushi Humen Acchi Nahi Lagti
Rehte Hain Hum Apne Dukhon Mein Nawaabon Ki Tarah…
=-=-=-=-=
Zakham Dene ki Aadat Nhi Humko,
Hum to Aaj b Wo Ehsaas Rakhte hai,
Badle-Badle to Aap Hai Janab,
Hamare Alawa Sabko Yaad Rakhte Hai…
=-=-=-=-=
Hum To Samjhe The ke Zakham Hai Bhar Jayega..
Kya khabar Thi Ke Rog Dil ME Utar jayega..
=-=-=-=-=
Theek Likha Tha Mere Hath Ki Lakeeron Mei…
Tu Agar Pyar Karega To Bikhar Jayega..
=-=-=-=-=
Badi mushkil se bnaya tha apny ap ko kabil us k….
us ne ye keh kr bikhair diya…..
k tujh se muhabbat to ha pr tujhy pany ki chaht nai……..
=-=-=-=-=
Unka waada hai ki woo laut ayenge,
issi umeed par hum jiye
jayenge,
yeh intezaar bhi unhi ki tarah pyaara hai,
kar rahe the, kar rahe hai
or kiye jayenge.
=-=-=-=-=
Jeene ki arzoo me mare jaa rahe hai log….
Marne ki aarzoo me jee raha hu me..
=-=-=-=-=
Qatal Huwa Humara Iss Tarha
Qiston Main..!
Kabhi Khanjar Badal Gaye Kabhi
Qaatil Badal Gaye…!
=-=-=-=-=
Sukoon milta hai doh lafz kaagaz par utaar kar…
Keh bhi deta hu aur awaaz bhi nahi aati…
=-=-=-=-=
Teri yaadon ki baarish jab bhi
barasti hai mujh par…..
Main bheeg zaroor jaata hoon
sirf palkon ki hadd tak…..
=-=-=-=-=
Dil sulagta hai Tere sard ravaiyye se Qateel
Dekh is barf ne kya aag lga rakhi hai..
=-=-=-=-=
Khwab me b WO ab nahi Aaty
Nafratain in dino Arooj pe hain..
=-=-=-=-=
Hum Sache Jazbon Ki Badi Qadar Kia Krte Hain…
Ye alag bat h ki taqdeer lipat kr rone lagi,
warna baahein toh tujhe dekh kar feli thi…
=-=-=-=-=
Mai Tumse kaise kahun Yar-e-Meharban Mere…
K Tu Hi Ilaaj Hai meri har Udaasi ka…
=-=-=-=-=
Hadd se badh chuka hai aapka nazar andaaz karna
aisa salook na karo k hum bhulne pe mazbur ho jaye!!
=-=-=-=-=
Kitnay Majboor Hain Taqdeer Kay Haathon,
Na usy panay ki Auqat, Na usy khony ka hosla….!
=-=-=-=-=
Ho Sakti Hy Muhabbt Zindgi Meh Dubara B…
Bas Hosla Ho, Ek Dafa Phir “Barbaad” Hone Ka…!!!
=-=-=-=-=
Pehla Sa Wo JunooN,,
Wo Mohabbat Nahi Rahi,,
Kuch Kuch Sambhal Gaye Hain,
Unki Duaa Se Hum..!!
=-=-=-=-=
Mayoos Ho Gaye Hain hum Zindagi ke Safar Sy,
Maqsad Ki Mohabat , Matlab Ki
Dostiyaa , Dikhawy K Rishty…!
=-=-=-=-=
“MOHABBAT” k ilawa Kuch Nahi Tha teri Ankhon Me,
Yeh “NAFRAT” Ab Zamane Ki Kahan Se seekh Li Tum ne…!!!
=-=-=-=-=
Muhabbat Hay K Nafrat Hay Koi Itna Tou Samjhaye..
Kabhi Main Dil Say Ladta Hun, Kabhi Dil Mujh Say Ladta
Hay…!!
=-=-=-=-=
Tum Jante Ho Mery Dil Ki Awaaz….???
Khair Choro!! Jante Hote To Mere Hote…!!
=-=-=-=-=
Mohabbat Kisi Se Tab Hi Karna
Jab Mohabbat Ko Nibhana Seekh Lo…!!
Majburiyoon Ka Sahara Lekar Chhod Dena Wafadari Nahi Hoti…!!
=-=-=-=-=
Ajeeb Ristha Raha Kuch Is Tarha Apno Se Apna,
Na Nafrat Ki Waja Mili, Na Mohabbat Ka Sila…!!
=-=-=-=-=
Kabhi na kabhi wo mere bare me sochengi zaroor…
Ki haasil hone ki ummid bhi nahi hai phir bhi pyaar karta
hai mujse….
=-=-=-=-=
इतनी शिद्दत से वो शख्स मेरी रगो मै उतर गया है,
कि उसे भुलाने कि लिये मुझे मरना होगा,
=-=-=-=-=
मोहब्बत का अजीब दस्तूर देखा,
जो उसकी जीत हो तो हम हार जाये,
=-=-=-=-=
ऐंसे नहीं न सही,
वैसे ही सही
बस, एक बार तुम हाँ तो कहो ?
=-=-=-=-=
ए जिन्दगी खत्म कर अब ये यादो के सिलसिले,
मै थक सा गया हू दिल को तसल्लिया देते देते,
=-=-=-=-=
हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में
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तुम्हे मोहब्बत करना नहीं आता
मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं आता
ज़िन्दगी जिने के दो ही तरीके है
एक तरीका तुम्हे नहीं आता, एक मुझे नहीं आता
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किसी को भुलाने के लिए ना मर जाना तुम..
क्या जाने कौन तुम्हारी राह देख रहा होगा
!!
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हम तो रो भी नहीं सकते उसकी याद में
उसने एक बार कहा था
मेरी जान निकल जाएगी
तेरे आंसू गिरने से पहले..
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आँसू की कीमत जो समझ ली उन्होने..
उन्हे भूलकर भी मुस्कुराते रहे हम
..
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चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर
कदर क्या होती है तुझे वक़्त सिख देगा
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